"हे शारदे माँ" गीत के बोल यह हैं: "तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ। हे शारदे माँ, हे शारदे माँ। हे शारदे माँ, हे शारदे माँ। हम सब अकेले, हम हैं अधूरे, तेरे शब्द तेरे, तेरे ही गीत। तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ। हे शारदे माँ, हे शारदे माँ। हे शारदे माँ, हे शारदे माँ।" यह गीत ज्ञान की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है और अक्सर स्कूलों में गाया जाता है। शरण में प्यार और अज्ञानता से मुक्ति: गीत की मुख्य पंक्तियों में, छात्र माँ सरस्वती से उनकी शरण में प्यार और अज्ञानता से मुक्ति देने के लिए प्रार्थना करते हैं। अपूर्णता और निर्भरता: "हम सब अकेले, हम हैं अधूरे" और "तेरे शब्द तेरे, तेरे ही गीत" जैसी पंक्तियाँ यह दर्शाती हैं कि छात्र खुद को अधूरा और अपनी कला और ज्ञान के लिए सरस्वती पर निर्भर मानते हैं। ज्ञान और बुद्धि का आह्वान: यह गीत माँ सरस्वती से ज्ञान और बुद्धि का प्रकाश फैलाने का आह्वान करता है, ताकि वे अज्ञानता के अंधकार को दूर कर सकें।